चैत्र नवरात्रि 14 अप्रैल से 17 अप्रैल 2024 देवी की आराधना की जाएगी। पूजन में कोई अवरोध न हो इसके लिए घटस्थापना, पूजा, माता के श्रृंगार के लिए सभी सामग्री एकत्रित करके रख लें।
नवरात्रि पूजन – नवरात्रि, ‘नौ रातें’ का तत्पर्य, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जिसे देवी दुर्गा के नौ विभिन्न स्वरूपों की आराधना के लिए मनाया जाता है।
नवरात्रि पूजन में दीपक, अगरबत्ती, रोली, चावल, पुष्प, फल, प्रसाद, धूप, पानी, कलश, सुपारी, हल्दी, खिलौने (कन्या पूजन के लिए), देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र, पंचामृत, नवधान्य, लाल चुनरी, मोली, घी, और कपूर जैसी सामग्री का उपयोग किया जाता है।
नौ दिनों के दौरान, देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिसमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री शामिल हैं।
नवरात्रि के आखिरी दिन, जिसे दुर्गा नवमी या महानवमी कहा जाता है, कन्या पूजन की जाती है, जिसमें नौ कन्याओं को भोजन और उपहार दिए जाते हैं।
नवरात्रि पूजन के दौरान धार्मिक और आत्मिक ऊर्जा की वृद्धि होती है, और यह घर के वातावरण को सकारात्मक बनाता है।
और पढ़ें ▼प्रमुख बिंदु
|
विषय-सूची
नवरात्रि पूजा सामग्री लिस्ट 2024
नवरात्रि, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’, हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। इस अवधि में, देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
यहां नवरात्रि पूजन की सामग्री की सूची दी गई है, तथा इसके साथ साथ विभिन्न दिनों पर कौन सी देवी की पूजा की जाती है, इसका विवरण भी दिया गया है।
पूजन के लिए आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:
- पूजन थाली
- दीपक
- अगरबत्ती
- रोली
- चावल
- गंगाजल
- पुष्प
- फल
- प्रसाद
- धूप
- पानी
- कलश
- सुपारी
- हल्दी
- खिलौने (कन्या पूजन के लिए)
- देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र
- पंचामृत
- नवधान्य
- रेड चुनरी
- मोली
- घी
- कपूर
ये भी पढ़ें:
माता के श्रृंगार के सामान की लिस्ट 2024
नवरात्रि के पावन पर्व में, माता की प्रतिमा को विशेष श्रृंगार से सजाया जाता है। नवदुर्गा की आराधना में श्रृंगार सामग्री का उपयोग एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ दी गई है देवी के श्रृंगार के लिए आवश्यक सामग्री की सूची:
- देवी की चुनरी
- कुमकुम
- विभिन्न आकारों और डिजाइन की लाल बिंदी
- आलता
- लाल चूड़ियां
- सिंदूर
- शीशा
- मेहंदी
नवरात्रि पूजा के दौरान, माता की चौकी को भी सुंदरता से सजाया जाता है। इसके लिए, आप लाल रंग के कपड़े, मोतियों की माला, और एक सुंदर साड़ी का उपयोग कर सकते हैं।
यह सब आवश्यक सामग्री आपकी पूजा को और भी अधिक सुंदर और भगवान की आराधना के लिए योग्य बनाएँगे।
नवरात्रि उपवास का सामान की लिस्ट 2024
नवरात्रि के दौरान उपवास रखने वाले लोगों के लिए, निम्नलिखित आहार तत्वों की एक सूची है जो आपके उपवास को सहज और पोषणयुक्त बना सकती हैं:
- सेंदा नमक: इसे उपवास में खाने के लिए मन्यता प्राप्त है। यह सामान्य नमक के बजाय उपयोग किया जाता है।
- सबुदाना: उपवास के दौरान सबुदाना खिचड़ी या सबुदाना वड़ा बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
- सिंघाड़े का आटा: यह व्रत में पकवान बनाने के लिए आदान-प्रदान करने का एक अच्छा विकल्प है।
- कुट्टू का आटा: यह उपवास के दौरान पराठे, पकौड़ी आदि बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- समक के चावल: इसे भी उपवास में खाने के लिए मन्यता प्राप्त है और इससे खिचड़ी या खीर बनाई जा सकती है।
- फल: उपवास में सभी प्रकार के फल खाए जा सकते हैं।
- दही: दही को भी उपवास में शामिल किया जा सकता है।
- मूंगफली और आलू: इन्हें उपवास में खाने की मन्यता है और इनसे विभिन्न व्यंजन बनाये जा सकते हैं।
- मिश्रित नट्स: बादाम, काजू, अखरोट, इत्यादि खाए जा सकते हैं।
- मिठाई और मिठाईयाँ: व्रत में घी और सेंदा नमक से बनी विशेष मिठाईयाँ खाई जा सकती हैं।
यह सूची व्यक्तिगत आवश्यकताओं और आहार प्राथमिकताओं के आधार पर अनुकूलित की जा सकती है। सात्विक भोजन के लिए घी, सिंघाड़े का आटा या कुट्टू का आटा, मूंगफली, मखाना, आलू, लौकी, हरी मिर्च, व्रत में खाई जाने वाली सब्जी और ताजे फल आदि का भी सेवन नवरात्रि के दौरान उपवास रखने वाले लोग कर सकते हैं।
नवरात्रि के नौ दिन और उनकी पूजन विधि
- पहले दिन (प्रतिपदा): इस दिन देवी दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। पूजन में दीपक, अगरबत्ती, रोली, चावल, और पुष्पों का उपयोग किया जाता है।
- दूसरे दिन (द्वितीया): इस दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। देवी को फलों और फूलों से अर्पण किया जाता है।
- तीसरे दिन (तृतीया): देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन की पूजा में देवी को मिष्ठान (स्वीट्स) और फूल चढ़ाए जाते हैं।
- चौथे दिन (चतुर्थी): इस दिन देवी कुष्माण्डा की पूजा की जाती है। देवी को फल और फूल अर्पित किए जाते हैं।
- पांचवें दिन (पंचमी): इस दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इस दिन देवी को बनाने वाली मिठाई और फल अर्पण किए जाते हैं।
- छठे दिन (षष्ठी): इस दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। पूजा में फल, फूल, और मिठाई का उपयोग किया जाता है।
- सातवें दिन (सप्तमी): देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। पूजा में देवी को फल, फूल और मिठाई चढ़ाई जाती है।
- आठवें दिन (अष्टमी): इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है। देवी को फल और फूल चढ़ाए जाते हैं। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है, जिसमें कन्याओं को भोजन और उपहार दिए जाते हैं।
- नौवें दिन (नवमी): इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। पूजा में देवी को फल, फूल, और मिठाई अर्पण की जाती है।
नवरात्रि पूजन के दौरान, यदि संभव हो, तो देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों का जाप करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। यह पूजन आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और आपके परिवार को सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करता है। अधिकतर लोग इस अवसर पर व्रत भी रखते हैं, जो उन्हें धार्मिक और आत्मिक शक्ति प्रदान करती है।
नवरात्र व्रत के नियम 2024
नवरात्रि के दौरान व्रत रखने के नियम काफी सांप्रदायिक रूप से निर्धारित होते हैं और परिवार से परिवार भिन्न हो सकते हैं। फिर भी, निम्नलिखित कुछ मुख्य नियम हैं जिन्हें आमतौर पर अनुसरण किया जाता है:
- नियमित समय पर व्रत की शुरुआत: व्रत की शुरुआत नवरात्रि के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त (सूर्योदय से पहले) में की जाती है। इसके बाद, प्रतिदिन समय पर पूजा की जाती है।
- व्रत का आहार: व्रत रखने वाले लोगों को उपवास वाले खाद्य पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए। जैसे कि सेंदा नमक, सबुदाना, सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, समक के चावल, फल आदि।
- सात्विक आहार: व्रत के दौरान, लहसुन, प्याज, अदरक, तामसिक और राजसिक खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं किया जाता है।
- शराब और तम्बाकू से परहेज: व्रत के दौरान शराब और तम्बाकू का सेवन करना वर्जित होता है।
- नैतिकता और आत्म-नियंत्रण: व्रत के दौरान, व्यक्तिगत नैतिकता, पवित्रता, और आत्म-नियंत्रण पर विशेष बल दिया जाता है।
- ध्यान और प्रार्थना: व्रत के दौरान देवी की पूजा, मनन, ध्यान, और प्रार्थना का हिस्सा बनना चाहिए।
- नवरात्रि के अंतिम दिन: व्रत के आखिरी दिन (दशमी) कन्या पूजन की जाती है और उन्हें भोजन और दक्षिणा दी जाती है।
यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने धार्मिक और आत्मिक अनुभवों को समर्थन और सम्मान करें। यदि आपके पास किसी विशेष नियम के बारे में सवाल है, तो आपके धार्मिक समुदाय के नेता से परामर्श करना उचित हो सकता है।
चैत्र नवरात्रि तारीख व कैलेंडर 2024
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
चैत्र नवरात्रि (प्रतिपदा) माँ शैलपुत्री पूजा |
मंगलवार | 9 अप्रैल 2024 |
चैत्र नवरात्रि (द्वितीय) माँ ब्रह्मचारिणी पूजा |
बुधवार | 10 अप्रैल 2024 |
चैत्र नवरात्रि (तृतीया) माँ चंद्रघंटा पूजा |
गुरूवार | 11 अप्रैल 2024 |
चैत्र नवरात्रि (चतुर्थी) माँ कुष्मांडा पूजा |
शुक्रवार | 12 अप्रैल 2024 |
चैत्र नवरात्रि (पंचमी) माँ स्कंदमाता पूजा |
शनिवार | 13 अप्रैल 2024 |
चैत्र नवरात्रि (षष्ठी) माँ कात्यायनी पूजा |
रविवार | 14 अप्रैल 2024 |
चैत्र नवरात्रि (सप्तमी) माँ कालरात्रि पूजा |
सोमवार | 15 अप्रैल 2024 |
चैत्र नवरात्रि (अष्टमी) माँ महागौरी पूजा |
मंगलवार | 16 अप्रैल 2024 |
चैत्र नवरात्रि (नवमी) माँ सिद्धिदात्री पूजा |
बुधवार | 17 अप्रैल 2024 |
नवरात्रि पूजा सामग्री सवाल-जवाब
नवरात्रि पूजा में कौन सी सामग्री का उपयोग किया जाता है?
नवरात्रि पूजा में दीपक, अगरबत्ती, रोली, चावल, पुष्प, फल, प्रसाद, धूप, पानी, कलश, सुपारी, हल्दी, खिलौने (कन्या पूजन के लिए), देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र, पंचामृत, नवधान्य, लाल चुनरी, मोली, घी, और कपूर जैसी सामग्री का उपयोग किया जाता है।
क्या हल्दी और चावल नवरात्रि पूजा में महत्वपूर्ण हैं?
हां, हल्दी और चावल का उपयोग शुद्धि और पवित्रता के प्रतीक के रूप में किया जाता है।
क्या नवरात्रि पूजा में दीपक जलाना अनिवार्य है?
हां, दीपक को ज्ञान के प्रतीक के रूप में देखा जाता है और यह अंधकार को दूर करने और प्रकाश लाने का प्रतीक है।
पूजा के दौरान क्या पानी का उपयोग किया जाता है?
हां, पानी का उपयोग पवित्रता के प्रतीक के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग देवी की मूर्ति या चित्र को धोने में और पूजा के दौरान अर्पण करने में भी किया जाता है।
क्या मैं अपनी पूजा के लिए फलों का चयन कर सकता हूं?
हां, आप विभिन्न प्रकार के फलों का चयन कर सकते हैं। विभिन्न दिनों पर विशेष फलों की भी भेंट चढ़ाई जा सकती है।
क्या नवरात्रि पूजा में पुष्पों का उपयोग होता है?
हां, पुष्पों का उपयोग पूजा में होता है, क्योंकि वे प्रकृति और सुंदरता के प्रतीक हैं।
क्या कलश नवरात्रि पूजा के लिए आवश्यक है?
हां, कलश देवी दुर्गा की प्रतिष्ठा के लिए आवश्यक है। कलश में पवित्र जल और पवित्र वस्त्रों से बदला जाता है।
नवरात्रि पूजा में कपूर का क्या महत्व है?
कपूर का उपयोग आरती के दौरान किया जाता है। इसका धुआं सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
क्या पंचामृत नवरात्रि पूजा के लिए आवश्यक है?
हां, पंचामृत का उपयोग देवी दुर्गा की प्रतिमा को अभिषेक करने के लिए किया जाता है। यह दूध, दही, घी, शहद, और शाकर से बनता है।
क्या नवरात्रि पूजा में कोई विशेष वस्त्र होता है?
नवरात्रि पूजा के दौरान देवी की मूर्ति या चित्र पर लाल चुनरी सजाई जाती है, जो शक्ति और सम्मान का प्रतीक है।
जानकारी और भी हैं…
- नवरात्रि पूजा सामग्री लिस्ट: इन चीजों के बिना अधूरा है नवरात्रि पूजा
- दुकान पूजन सामग्री लिस्ट: इन चीजों के बिना अधूरा है दुकान पूजन
संबंधित खोजें:
नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट पीडीऍफ़, नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट 2023, नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट 2024, दुर्गा पूजा सामग्री लिस्ट इन हिंदी, कलश पूजन सामग्री, नवरात्रि पूजन विधि, मंत्र, नवरात्रि लिस्ट, नवरात्रि पूजा सामग्री लिस्ट इन इंग्लिश